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सामान्य जानकारी:

बतशेबा राजा सुलैमान के पास अदोनिय्याह कि विनती लेकर जाती है।

राजा उठा

“राजा अपने सिंहासन से उठता है जहां पर पर वो गद्दी पर बेठता था“।

एक सिंहासन रख दिया

“सिंहासन लाने के लिये किसी को बोला“।

राजा की माता

बतशेबा

मुझ को मना न करना,”… मैं तुझे इनकार नहीं करूँगा।”

“जो मैनें तुमसे मांगा हे तुम मुझे उसके लिये मना मत करना“।

वह शूनेमिन अबीशग तेरे भाई अदोनिय्याह को दे दी जाये… उसकी पत्‍नी होने के लिये।”

अदोनिय्याह को अनुमति दे… अबीशग शूनेमिन से शादी के लिये।