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उसे बुलाकर

“दाऊद बुलाकर”।

भवन बनाने की आज्ञा दी… “मेरी मनसा तो थी कि अपने

“मजदूरों को निर्माण करने की आज्ञा दी… मेरे योजना मजदूरों को बनाने की थी”।

परमेश्‍वर यहोवा के नाम का एक भवन बनाऊँ

“मेरे यहोवा परमेश्‍वर का सम्मान करने के लिए”।

तूने लहू बहुत बहाया

“तुम ने कई लोगों को मारा”।

इसलिए तू मेरे नाम का भवन न बनाने पाएगा,

“तू मेरे सम्‍मान के लिए भवन नहीं बना पाऐगा”।

क्योंकि तूने भूमि पर मेरी दृष्टि में बहुत लहू बहाया है।

“कयोंकि मैं जानता हूँ कि तमने कई लोगो को मारा है”।