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अपने बुलाए जाने को

“परमेश्वर ने तुम्हें पवित्र जन होने के लिए कैसे बुलाया है”

न बहुत.... बुलाए गए हैं

“तुम में बहुत ही कम”

शरीर के अनुसार

“मनुष्यों के विचार में” या “भलाई के विषय में मनुष्यों की समझ के अनुसार”

कुलीन

“परिवार के महत्वपूर्ण होने” या “राजसी” होने के द्वारा

परमेश्वर ने मूर्खों को चुन लिया कि ज्ञानवालों को लज्जित करें

परमेश्वर ने उन दीन जनों को चुन लिया जिन्हें यहूदी नगण्य मानते थे कि परमेश्वर की दृष्टि में उन जनमान्य अगुओं का महत्व नगण्य ठहरे।

परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है कि बलवानों को लज्जित करे

यह पिछले वाक्य के विचार को दूसरे शब्दों में व्यक्त करना है।