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2.3 KiB

तेरा जो विश्वास हो

यह भी पिछले पद में खाने-पीने के संबन्ध में है।

तेरा... अपने...वह

सब एक वचन में हें। क्येांकि पौलुस विश्वासियों को संबोधित कर रहा है, इसलिए उनका अनुवाद बहुवचन में किया जाए

धन्य है वह...जिसे वह ठीक समझता है, अपने आपको दोषी नहीं ठहराए।

“धन्य है वह” वे जो कुछ करते हैं तो स्वयं को दोषी न समझें।

जो सन्देह करके खाता है, वह दण्ड के योग्य ठहर चुका।

इसका अनुवाद, “परमेश्वर कहेगा कि मनुष्य को किसी बात का निश्चय नहीं तो उसका वह काम अनुचित है जैसे भोजन पर सन्देह करने के उपरान्त भी उसे खा लेना”। (यू.डी.बी.) या “यदि किसी को भोजन पर सन्देह हो, परन्तु वह उसे खा ले तो उसका विवेक उसे दोषी ठहराएगा”

क्योंकि वह विश्वास से नहीं खाता है

इसका अनुवाद एक नए वाक्य में किया जा सकता है, “परमेश्वर उसे अनुचित कहेगा क्योंकि वह उस भोजन को खा रहा है जिसे उसका विवेक कहता है कि परमेश्वर को स्वीकार्य नहीं है”

जो कुछ विश्वास से नहीं वह पाप है

“यदि आपकी समझ में आप परमेश्वर की इच्छा के विरुद्ध कुछ करते हैं तो वह पाप है”।