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पौलुस विश्वासियों को उचित जीवन के निर्देश दे रहा है।

तू जो दोष लगाता है.... तुच्छ जानता है...

पौलुस दिखा रहा है कि वह अपने पाठकों को किस प्रकार झिडकना आवश्यक होगा वैकल्पिक अनुवाद, “किसी को दोष देना उचित नहीं” ... किसी को तुच्छ समझना उचित नहीं”। (देखें यू.डी.बी.) या “दोष लगाना छोड़ दो.... किसी को तुच्छ समझना छोड़ दो”

हम सब के सब परमेश्वर के न्याय सिंहासन के सामने खड़े होंगे।

“न्याय सिंहासन” अर्थात परमेश्वर का न्याय करने का अधिकार। वैकल्पिक अनुवाद है, “क्योंकि परमेश्वर हम सब का न्याय करेगा”

मेरे जीवन की सौगन्ध

यह एक शपथ या गंभीर प्रतिज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद होगा, “निश्चय जान लो कि यह सच है”

हर एक घुटना मेरे सामने टिकेगा और हर एक जीभ परमेश्वर को अंगीकार करेगी।

“घुटना” और “जीभ” द्वारा पौलुस संपूर्ण मनुष्यत्व का संदर्भ दे रहा है, और परमेश्वर ही “परमेश्वर” शब्द का उपयोग कर रहा है जो उसी के लिए है। वैकल्पिक अनुवाद होगा, “प्रत्येक मनुष्य मेरे सामने झुक कर मेरी स्तुति करेगा”। (देखें: और )