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परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर ही है जो उनको धर्मी ठहराने वाला है।

यहाँ भी पौलुस बल देने के लिए प्रश्न पूछता है। वैकल्पिक अनुवाद, “परमेश्वर के समक्ष हमें कोई दोष नहीं दे सकता, क्योंकि परमेश्वर हमें न्यायोचित ठहराता है”।

फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह ही है जो मर गया वरन् जो मुर्दो में से जी भी उठा।

पौलुस बल देने ही का प्रश्न पूछता है। वैकल्पिक अनुवाद, “हमें कोई दोष नहीं दे सकता क्योंकि मसीह यीशु ही है... और हमारी मध्यस्थता भी करता है”

वरन् जो मुर्दों में से जी भी उठा

इसका अनुवाद कर्तृवाच्य क्रिया द्वारा भी किया जा सकता है, “जिसे परमेश्वर ने अति विशिष्टता में मृतकों में से पुनजीर्वित किया” या “जो अति विशिष्ट रूप में मर कर जी उठा”