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क्योंकि सृष्टि... व्यर्थता के अधीन

कर्तृवाच्य क्रिया के साथ वैकल्पिक अनुवाद होगा, “क्योंकि परमेश्वर ने जो कुछ भी बनाया है उसे उस उद्देश्य प्राप्ति में अयोग्य कर दिया है जिसके उद्देश्य से उसकी रचना की गई थी।

अपनी इच्छा से नहीं पर अधीन करने वाले की ओर से

यहाँ “सृष्टि को एक इच्छा रखने वाले मनुष्य का मान दिया गया है। इसका वैकल्पिक अनुवाद होगा, “इसलिए नहीं कि सृजित वस्तुएं स्वयं चाहती थी “परन्तु इसलिए कि परमेश्वर चाहता था”।

कि सृष्टि आप ही विनाश के दासत्व से छुटकारा पाए।

वैकल्पिक अनुवाद में कर्तृवाच्य क्रिया के साथ एक नया वाक्य रचा जा सकता है, “तथापि सृजित वस्तुएं पूर्णतः आश्वस्त है कि परमेश्वर उनका उद्धार करेगा।

विनाश के दासत्व से

पौलुस सृष्टि की हर एक वस्तु को उसके स्वामी के दासत्व में तथा “विनाश” के अधीन मानता है। वैकल्पिक अनुवाद, “क्षय एवं अपक्षय से”

परमेश्वर की सन्तानों की महिमा की स्वतंत्रता

“जब वह अपनी सन्तानों का महिमान्वन करेगा तब वह उन्हें स्वतंत्र कर देगा।”

क्योंकि हम जानते हैं किसकी सृष्टि अब तक कराहती और पीड़ाओं में पड़ी तड़पती है।

सृष्टि की तुलना एक स्त्री से की गई है जो प्रसव पीड़ा में है, “क्योंकि हम जानते है कि संपूर्ण सृष्टि इस समय भी पीड़ा के कारण कहराती है”