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पौलुस दासत्व की उपमा देकर परमेश्वर के आज्ञापालन एवं अवज्ञा पर चर्चा करता है।
परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो
“परन्तु मैं परमेश्वर का आभारी हूँ”
तुम जो पाप के दास थे
यहाँ पाप को एक स्वामी-स्वरूप दिखाया गया है। जिसकी दास सेवा करते हैं। यह भी कि “पाप” एक शक्ति है जो हम में वास करती है जो हमें पाप करने पर विवश करती है। वैकल्पिक अनुवाद, “तुम जो पाप की शक्तियों के अधीन दास बन कर जी रहे थे”। (देखें:
मन से उस आदेश के माननेवाले
यहाँ “मन” से अभिप्राय है काम को करने के लिए सच्ची एवं निष्ठावान अभिप्रेरणा। वैकल्पिक अनुवाद, “परन्तु तुमने सच में आज्ञा मानी”।
उस प्रकार का उपदेश जो तुम्हें दिया गया है।
यहाँ “उस उपदेश” का अर्थ है धर्मनिष्ठा की ओर ले जाने वाला आचरण एवं जीवनशैली। विश्वासी अपनी पुरानी जीवनशैली को बदल कर इस नई जीवन शैली के अनुरूप हो जाता है जिसकी शिक्षा उन्हें मसीही अगुवे देते है। इसका वैकल्पिक अनुवाद कर्तृवाच्य क्रिया से किया जा सकता है, “मसीही अगुओं ने जो तुम्हें शिक्षा दी”। (देखें:
पाप से छुड़ाएं जाकर
कर्तृवाच्य क्रिया द्वारा वैकल्पिक अनुवाद, “मसीह ने तुम्हें पाप की प्रभुता से मुक्त करा लिया।
धर्म के दास हो गए
“अब तुम उचित कामों को करने के लिए दास हो”