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तो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें कि अनुग्रह बहुत हो?

पौलुस ने कृपा (अनुग्रह) के बारे में जो लिखा है उस पर एक प्रश्न की कल्पना करता है कि कोई पूछ सकता है।

हम.... हमारे

सर्वनाम “हम” का संदर्भ पौलुस उसके पाठकों और अन्य सब से है।

बहुत हो

इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है, “बढ़ता जाए”