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क्योंकि यह प्रतिज्ञा थी कि वह जगत का वारिस होगा, न अब्राहम को, न उसके वंश को व्यवस्था के द्वारा दी गई थी।

इसका अनुवाद कर्तृवाच्य क्रिया द्वारा किया जा सकता है, “परमेश्वर उन्हें ग्रहण करेगा” (देखें:

“परन्तु विश्वास की धार्मिकता के द्वारा मिली”

परन्तु विश्वास की धार्मिकता के द्वारा मिली इस वाक्य में परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की, छोड़ दिया गया है क्योंकि वह समझा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद, “परन्तु परमेश्वर ने इसमें विश्वास ही के कारण यह प्रतिज्ञा की थी जिसे वह न्यायोचित मानता है”।

यदि व्यवस्था वाले वारिस हैं

वैकल्पिक अनुवाद, यदि परमेश्वर प्रदत्त मूसा के नियमों का पालन करनेवाले पृथ्वी के अधिकारी होंगे।

तो विश्वास व्यर्थ और प्रतिज्ञा निष्फल रही

तो विश्वास का कोई अर्थ नहीं और प्रतिज्ञा व्यर्थ हो गई”।

जहाँ व्यवस्था नहीं वहाँ उसका उल्लंघन भी नहीं

“परन्तु यदि नियम न हों तो उनके उल्लंघन का प्रश्न ही नहीं उठता है। इसका अनुवाद सकारात्मक वाक्य में भी किया जा सकता है, मनुष्य नियमों का उल्लंघन तब ही करता है जब नियम हों”।