hi_tn-temp/rom/03/15.md

1.4 KiB

उनके ....उनके....उन्होंने ... उनकी

“यहूदी और यूनानी”

उनके पाँव लहू बहाने को फुर्तीले हैं

“वे मनुष्यों को हानि पहुंचाने और उनकी हत्या करने के लिए विलम्ब नहीं करते हैं”।

उनके मार्गों में नाश और क्लेश है

“हर एक मनुष्य की जीवनशैली ऐसी है कि वे जानबूझ अन्यों को नाश करना चाहते हैं और उन्हें कष्ट पहुँचाना चाहते हैं।

कुशल का मार्ग

“मार्ग” अर्थात “रास्ता”, “पथ” इसका वैकल्पिक अनुवाद है, “अन्यों के साथ मेल-मिलाप से कैसे रहना है” (देखें:

उनकी आँखों के सामने परमेश्वर का भय नहीं

“परमेश्वर को उसके योग्य सम्मान अर्पित करने से सब इन्कार करते है”