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इसलिए हे मेरे प्रिय भाइयों, जिनमें मेरा जी लगा रहता है।

“मेरे प्रिय भाइयों और बहनों, मैं तुमसे प्रेम करता हूं और तुमसे भेंट करने की लालसा करता हूं”

जो मेरे आनन्द और मुकुट हो

पौलुस “आनन्द” शब्द से प्रकट करता है कि फिलिप्पी की कलीसिया उसको प्रसन्नता का कारण है। “मुकुट” पत्तियों का बना होता था और जब कोई खिलाड़ी जीत जाता था तो उसके सम्मान में उसके सिर पर पहनाया जाता था यहां पौलुस के कहने का अर्थ है कि उन विश्वासियों ने उसे परमेश्वर के समक्ष सम्मान प्रदान किया है। इसका अनुवाद एक नए वाक्य में किया जा सकता है, “तुम मसीह में विश्वास करके मुझे आनन्द प्रदान करते हो और मेरी सेवा का प्रतिफल एवं सम्मान हो”।

हे प्रिय भाइयों, प्रभु में इसी प्रकार स्थिर रहो

इसका अनुवाद एक नए वाक्य में किया जा सकता है, “अतः जैसा मैंने सिखाया है उसी प्रकार प्रभु के लिए जीवन जीओ, मेरे मित्रों।

मैं यूओदिया को भी समझाता हूं और सुन्तुखे को भी

“ये दो स्त्रियां विश्वासी थी और कलीसिया में सेवारत थी। इसका अनुवाद होगा, “मैं यूओदिया और सुन्तुखे दोनों से विनती करता हूं”

प्रभु में एक मन रहें

“एक मन रहें” का अर्थ है, एक ही स्वभाव और एक ही विचार से रहो। इसका अनुवाद होगा, “एक दूसरे से सहमत रहो क्योंकि तुम सब एक ही प्रभु में विश्वास करते हो”।

हे सच्चे सहकर्मी मैं तुम से विनती करता हूं

यहां “तुम से” एक कथन है। पौलुस उस व्यक्ति का नाम नहीं लेता है। वह उसे केवल “सच्चे सहकर्मी” कहता है। वह सुसमाचार प्रसार में किसी निष्ठावान को संबोधित कर रहा है। “हां मेरे सच्चे सहकर्मी मैं तुम से भी कहता हूं”।

क्लेमेंस

वह कलीसिया में एक विश्वासी एवं सेवक था।

जिनके नाम जीवन की पुस्तक में लिखे हुए हैं

“उनके नाम जीवन की पुस्तक में लिखे जा चुके हैं”