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जिससे

“कि मैं” या “यथार्थ में”

समझता हूं

फरीसी से मसीही विश्वासी होने पर पौलुस में जो परिवर्तन आया यह उस पर बल देता है। इसकी व्याख्या की जा सकती है, “अब मसीह में विश्वास करके...”

सब बातों को हानि समझता हूं

पौलुस कहता है कि मसीह की अपेक्षा किसी भी बात में विश्वास करना व्यर्थ है। इसका अनुवाद होगा, “मैं सब बातों को अर्थहीन समझता हूं”

प्रभु मसीह यीशु की पहचान की उत्तमता के कारण

“क्योंकि मेरे प्रभु यीशु मसीह को जानना कहीं अधिक मूल्यवान है”

सब वस्तुओं की हानि उठाई

इसका अनुवाद इस प्रकार करें, “उसके कारण मैंने सब कुछ त्याग दिया है”

मैं कूड़ा समझता हूं

मनुष्य जिन बातों में विश्वास करता है पौलुस उन सब को गन्दगी समझता है। यह उनकी निस्सारता पर बल है, “मैं उन्हें कचरा समझता हूं” या “मैं उन्हें पूर्णतः अर्थहीन समझता हूं”

जिससे मैं मसीह को प्राप्त करूं

“कि मुझे केवल मसीह मिले”

उसमें पाया जाऊं

पाया जाऊं” अर्थात घनिष्ठ संबन्ध में या उसमें एक हो जाऊं। इसका कतृवाच्य अनुवाद होगा, “और अब मेरा संबन्ध मसीह से है” या “अब मैं मसीह से जुड़ गया हूं”

अपनी उस धार्मिकता के साथ

“मैं विधान के पालन द्वारा परमेश्वर को प्रसन्न करना नहीं चाहता हूं”।

उस धार्मिकता के साथ जो मसीह पर विश्वास करने के कारण है

“इसकी अपेक्षा मेरी धार्मिकता” या “इसके विपरीत मेरी धार्मिकता”

धार्मिकता जो.... मसीह पर विश्वास करने के कारण है

“परमेश्वर ने मुझे स्वीकार कर लिया क्योंकि मैंने मसीह में विश्वास किया”

विश्वास करने पर मिलती है

इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है,“मैं जीवित मसीह को चाहता हूं कि उसे जानूं”

मृत्युंजय की सामर्थ

“जीवनदायक उसका सामर्थ्य”

दुखों में सहभागी होने के मर्म

“और उसके कष्टों में सहभागी होऊं”

उसकी मृत्यु की समानता को प्राप्त करूं।

यीशु की मृत्यु का परिणाम हुआ अनन्त जीवन। अब पौलुस चाहता है कि उसकी मृत्यु यीशु जैसी हो। कि उसे भी अनन्त जीवन प्राप्त हो। इसका कतृवाच्य अनुवाद होगा, “और मसीह ने मुझे उसकी मृत्यु की समानता में बदल दिया है”

किसी भी रीति से मरे हुओं में से जी उठने के पद तक पहुंचू।

“किसी भी तरह” अर्थात पौलुस नहीं जानता कि इस जीवन में उसका क्या होगा परन्तु जो भी हो उससे उसे अनन्त जीवन प्राप्त हो। “अतः इस जीवन में मेरे साथ कुछ भी हो, में मर कर फिर जीवित होऊंगा”