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पौलुस यीशु के स्वभाव का वर्णन करता है

परमेश्वर ने इसको अति महान किया

“परमेश्वर ने यीशु को बहुत ऊंचा उठाया”

उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है

“नाम” अर्थात पद या प्रतिष्ठा। इसका अनुवाद इस प्रकार हो सकता है, “किसी भी पद से बड़ा पद” या “सर्वोच्च सम्मान”

सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें।

“घुटना” अर्थात संपूर्ण मनुष्य। इसका अनुवाद है, “प्रत्येक मनुष्य” या “प्रत्येक प्राणी”

पृथ्वी के नीचे

अर्थात वह स्थान जहां मनुष्य मरने के बाद जाते है जिसे “अधोलोक” कहा गया है। यही पर दुष्टात्माओं का वास है जिसे “अथाहकुण्ड” कहा गया है।

हर एक जीभ

यहां जीभ का अर्थ भी संपूर्ण मनुष्य है, इसका अनुवाद, “प्रत्येक मनुष्य” या “प्रत्येक प्राणी” किया जा सकता है।