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फरीसियों द्वारा यीशु पर दोष लगाने का वृत्तान्त है कि वह शैतान की सहायता से दुष्टात्मा निकालता है।

यदि पेड़ को अच्छा कहो, तो उसके फल को भी अच्छा कहो, या पेड़ को निकम्मा कहो तो उसके फल को भी निकम्मा कहो।

"या तो कहो कि फल अच्छा है तो पेड़ अच्छा है, या यह कहो कि फल निकम्मा है तो पेड़ भी निकम्मा है"।

अच्छा .... निकम्मा

इसका अर्थ है (1) स्वस्थ ... अस्वस्थ या (2) खाने योग्य... खाने योग्य नहीं।

पेड़ अपने फल ही से पहचाना जाता है।

इसका अर्थ है, (1) मनुष्य फल को देखकर कह सकते हैं कि पेड़ स्वस्थ है या नहीं या (2) मनुष्य फल को देख कर पेड़ की प्रजाति को बता सकता है।

तुम ....तुम

फरीसियों से

जो मन में भरा है वही मुँह पर आता है।

"मनुष्य वही कहता है जो उसके मन में है"

भले भण्डार.... बुरे भण्डार

भले भण्डार .... बुरे भण्डार ... अच्छे विचार .... बुरे विचार