hi_tn-temp/mat/10/34.md

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यीशु अपने शिष्यों से उनके आने वाले सताव की चर्चा कर रहा है, इसका आरंभ में हुआ है।

यह न समझो

"ऐसा नहीं सोचना" या "यह नहीं मानना"

तलवार

इस रूपक का अर्थ हो सकता है, (1) हिंसक मृत्यु (देखें क्रूस 10:37/10:38) या (2) विभाजन कारी कलह

कर दूँ।

"बदल दूँ", या "विभाजित कर दूं" या "पृथक कर दूँ"।

मनुष्य को उसके पिता से

"पुत्र को पिता के विरूद्ध"

मनुष्य के बैरी

मनुष्य के बैरी या "मनुष्य के सबसे बड़े दुश्मन"

उसके घर ही के लोग होंगे।

"उसके परिवार के अपने सदस्य"