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यीशु अपने शिष्यों को उनके आने वाले सताव की चर्चा कर रहा है, इसका आरंभ में हुआ है।

मनुष्यों से मत डरना।

"वे" सर्वनाम उन मनुष्यों का बोध करती है जो यीशु के शिष्यों को सताते थे।

कुछ ढका नहीं, जो खोला न जायेगा, और न कुछ छिपा है जो जाना न जायेगा।

इस सादृश्य का अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, "परमेश्वर मनुष्यों की गुप्त बातों को प्रकट कर देगा"। (देखें: : )

जो मैं तुमसे अन्धियारे में कहता हूँ, उसे तुम उजियाले में कहो, और जो कानों-कान सुनते हो, उसे छतों पर से प्रचार करो।

इस सादृश्य का अनुवाद हो सकता है, "मैं जो अन्धेरे में कहा उसका दिन में प्रचार करो और जो कान में धीमे स्वर में सुनते हो उसका छतों पर से प्रचार करो"।

जो मैं तुमसे अन्धियारे में कहता हूँ

“जो मैं तुमसे गुप्त रूप से कहता हूँ“ या ”जो बातें मैं तुमसे अकेले में कहता हूँ” ।

उजियाले में कहो

"खुलकर कहो" या "सबको सुनाओं" (देखें यू.डी.बी.)

जो कानों में सुनते हो।

"मैं तुम्हारे कानों में जो मन्द स्वर में कहता हूँ।"

उसे छतों पर से प्रचार करो।

"सबको ऊंचे शब्दों में सुनाओ" यीशु के युग में घर की छतें समतल होती थी और यदि वहाँ से कोई कुछ कह ले सब सुन सकते थे।