hi_tn-temp/mat/08/26.md

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यीशु द्वारा आँधी को शान्त करने का वृत्तान्त यहाँ समाप्त होता है।

उन्हें

चेले

तू ... तू

बहुवचन

क्यों डरते हो?

इस प्रश्न के द्वारा यीशु शिष्यों को झिड़क रहा था। इसका अर्थ है "तुम्हें डरने की आवश्यकता नहीं है"। (देखें यू.डी.बी.) या "तुम्हें डरने की कोई बात नहीं है"। (देखें: : rc://*/ta/man/translate/figs-rquestion)

हे अल्प विश्वासियों

यह बहुवचन है। इसका अनुवाद भी वैसा ही करे जैसा में किया है।

यह कैसा मनुष्य है कि आंधी और पानी भी इसकी आज्ञा मानते हैं।

इस प्रश्न से प्रकट होता है कि शिष्य आश्चर्यचकित थे। इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, यह कैसा मनुष्य है"? या "हमने ऐसा मनुष्य नहीं देखा"। कि आंधी पानी भी उसकी आज्ञा मानें"।

आंधी और पानी भी इस आज्ञा को मानते हैं।

मनुष्य और जानवर आज्ञा माने या न माने, आश्चर्य की बात नहीं है परन्तु आँधी और पानी आज्ञा माने, यह तो वास्तव में आश्चर्यजनक है। मानव फिर से प्राकृतिक बातों को मनुष्य के सदृश्य सुनने और आज्ञा मानने वाला दर्शाता है।