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यीशु अपने शिष्यों से क्या अपेक्षा करता है उसी का वृत्तान्त चल रहा है।

मुझे पहले जाने दे कि अपने पिता को गाड़ दूं।

यह एक नम्र निवेदन है। यहूदियों की प्रथा में मृतक को उसी दिन गाड़ने की प्रथा थी। अतः उस पुरूष का पिता संभवतः जीवित था। अतः उसने "गाड़ देना" एक अस्पष्ट (या गोल मोल वचन) स्वरूप काम में लिया कि जब तक उसका पिता जीवित है, कुछ दिन या कुछ वर्ष तब तक उसकी सेवा करे। (देखें यू.डी.बी.) यदि उसका पिता मृतक होता तो वह कुछ ही समय की अनुमति मांगता। पिता के मरने या जीवित रहने का उल्लेख तब ही करें जब गलत अर्थ निकल रहा हो।

मुर्दों को अपने मुर्दे गाड़ने दे।

यह सार गर्भित है, पूर्ण कथन नहीं है। अत: कम से कम शब्दों को काम में लें और कम से कम व्याख्या करें। यहाँ "गाड़ने" के लिए वही शब्द काम में ले जो उस युवक के निवेदन में काम में लिया है।

अपने मुर्दे गाड़ने दे।

यह पिता की सेवा के उसके उत्तरदायित्व का इन्कार करने के प्रबल शब्द है। "मृतकों को गाड़़ने दे" से भी अधिक प्रबल या "मृतकों को गाड़ने दे"। इसका अर्थ अधिक स्पष्टता में है, "मृतकों को किसी बात का चुनाव नहीं करने दे, केवल अपने मृतकों को स्वयं गाड़ें।"

मुरदों को अपने मुरदे गाड़ने दे

"मुरदों" परमेश्वर के राज्य से अलग जनों का रूपक है, उनके पास अनन्त जीवन नहीं है। (देखें यू.डी.बी. ; rc://*/ta/man/translate/figs-metaphor) "अपने मुरदे" का अर्थ है परमेश्वर के राज्य से अलग जनों के परिजन जो सचमुच में मर जाते हैं।