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इसके साथ ही यीशु द्वारा अनेकों की चंगाई का वृत्तान्त समाप्त होता है।

जब संध्या हुई।

यू.डी.बी. अनुवाद में और से निष्कर्ष निकाला गया है कि जब यीशु कफरनहूम में आया तब वह सब्त का दिन था क्योंकि यहूदी उस दिन न तो काम करते थे और न ही यात्रा करते थे, वे शाम तक रूके रहे कि यीशु के पास रोमियों को लेकर आएं। आपका सब्त के दिन का उल्लेख नहीं करता है जब तक कि गलत अर्थ से बचना न हो।

उसने उन आत्माओं को अपने वचन से निकाल दिया।

यह अत्युक्ति है, यीशु ने एक से अधिक शब्दों का उपयोग किया होगा। इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, "यीशु को एक ही बार कहने की आवश्यकता पड़ी और दुष्टात्माएं निकल गईं"।

जो वचन यशायाह भविष्यद्वक्ता द्वारा कहा गया था वह पूरा हो।

"यीशु ने उस भविष्यद्वाणी को पूरा किया जो परमेश्वर ने यशायाह को इस्त्राएल पर प्रकट करने हेतु दी थी"।

यशायाह भविष्यद्वक्ता द्वारा कहा गया था।

"जो यशायाह ने कहा था"

हमारी दुर्बलताओं को ले लिया और हमारी बीमारियों को उठा लिया।

"मनुष्यों को रोगमुक्त किया और स्वाथ्य प्रदान किया"।