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यह अनेकों की चंगाई का ही वृत्तान्त है।

मेरी छत तले आए।

"मेरे घर में प्रवेश करे"।

मुख से कह दे।

"आज्ञा दे दे"

सैनिक

"प्रशिक्षित योद्धा"

मैंने इस्राएल में भी ऐसा विश्वास नहीं पाया।

यीशु के श्रोता सोचते थे कि इस्राएल के यहूदी जो परमेश्वर की सन्तान होने का दावा करते थे, उनका विश्वास सबसे अधिक था। यीशु कहता है कि उनका सोचना गलत है, इस सूबेदार का विश्वास उनसे अधिक है।