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यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

यीशु जनसमूह से बातें कर रहा है कि व्यकितगत रूप में उनके साथ क्या हो सकता है "तुम", "तुम्हारे" और आज्ञाएं बहुवचन में है।

तुम पर भी दोष लगाया जायेगा।

तुम पर भी दोष लगाया जायेगा, इसे कर्तृवाच्य रूप में व्यक्त किया जा सकता है, "परमेश्वर तुम पर दोष लगायेगा"। (यू.डी.बी.) या "मनुष्य तुम पर दोष लगायेंगे"।

क्योंकि

इससे सुनिश्चित होता है कि पाठक को समझना है कि पद 2 पद 1 पर निर्भर है।

नाप

इसका संदर्भ (1) दण्ड के परिमाण से (देखें यू.डी.बी.) या (2)दण्ड के मानदण्ड से हो सकता है।