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2.4 KiB

उन पर हाथ रखे, परन्तु

इसे एक अलग वाक्य में अनुवाद किया जा सकता है, “उन्हें छूएं परन्तु”

डांटा

शिष्यों ने उन माता-पिता के इस कार्य पर कठोर आपत्ति उठाई

आने दो

“उन्हें अनुमति दो”

बालकों

यह शब्द “शिशु” नहीं है। जिन बच्चों को लोग ला रहे थे, वे बालक थे अर्थात शिशु नहीं थे, उनसे बड़े थे।

उन्हें मना मत करो

“उन्हें बाधित मत करो” या “बच्चों को मत रोको”

ऐसों ही का है

इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “ऐसे मनुष्यों का है जो इन बच्चों के स्वभाव के हैं”।

मैं तुमसे सच कहता हूँ।

“मैं तुमसे निश्चय कहता हूँ” यीशु इस अभिव्यक्ति द्वारा अपने आगामी कथन के महत्त्व पर बल दे रहा था।

बालक के समान

यह एक उपमा है जिसके द्वारा परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करनेवालों के स्वभाव की तुलना बच्चों के स्वभाव से की गई है। समानता के विषय हैं, दीनता एवं विश्वास करना। इस उपमा का अर्थ है, वे परमेश्वर के राज्य को जिस विनम्रता से स्वीकार करते हैं वह ठीक वैसी ही है जैसी एक बच्चे में होती है और विश्वास भी।

प्रवेश

इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “परमेश्वर के राज्य में प्रवेश”