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(यीशु जनसमूह से ही बातें कर रहा है)

स्वर्ग की ओर आँखें उठाना

यह एक रूपक है जिसका अर्थ है, “स्वर्ग की ओर देखना” या “ऊपर देखना”

अपनी छाती पीट-पीटकर

यह शोक प्रकट करने का प्रतीक है ओर उस मनुष्य के पश्चाताप एवं दीनता को दर्शाता है।

मुझ पापी पर दया कर

इसका अनुवाद हो सकता है, “हे परमेश्वर मुझ पर दया कर क्योंकि मैं एक भयानक पापी हूँ”। या “हे परमेश्वर मुझ पर दया कर, में एक भयानक पापी हूँ”।

यही मनुष्य

“वह चुंगी लेनेवाला”

वह दूसरा नहीं

“उस पहले वाले की अपेक्षा” या “उसकी अपेक्षा” या “वह मनुष्य नहीं” इसका अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, “परन्तु वह दूसरा व्यक्ति धर्मी नहीं ठहराया गया”

क्योंकि जो कोई अपने आपको बड़ा बनाएगा,

इस वाक्यांश द्वारा यीशु कहानी से हटकर उस सामान्य सिद्धान्त पर आता है जो इस कहानी द्वारा दर्शाया गया है।

बड़ा किया जाएगा

“महान समझा जाएगा”