hi_tn-temp/luk/18/01.md

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(यीशु अपने शिष्यों से ही बातें कर रहा है)

फिर उसने

“फिर यीशु ने”

कहा

“सुनाया” (यू.डी.बी.)

हियाव न छोड़ना चाहिए

इसका अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, “प्रार्थना करने में क्लांत न हों”। या “विश्वास करना न छोड़ें”

किसी नगर में एक न्यायी रहता था

“किसी” शब्द का उपयोग घटना के वर्णन हेतु किया गया है जिसमें न तो न्यायी का नाम है और न नगर का नाम है।

न परमेश्वर से डरता था

“परमेश्वर का भय नहीं मानता था” (यू.डी.बी.)

न किसी मनुष्य की परवाह करता था

“न मनुष्यों का ही मान रखता था”