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(यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है)

मैं पृथ्वी पर आग लगाने आया हूँ

“मैं पृथ्वी पर आग उगलने आया हूँ” या “मैं पृथ्वी पर आग लगाने आया हूँ”

चाहता हूँ.... कि अभी सुलग जाती

इस वाक्य से प्रकट होता है कि यीशु कैसा चाहता है कि ऐसा हो। इसका अनुवाद ऐसे किया जा सकता है, “मेरी गहन इच्छा है कि आग लग चुकी होती” या अधिक सामान्य रूप में कहें तो “मेरी तो बड़ी इच्छा है कि ऐसा हो चुका होता”, (वाक्यों के प्रकार का अध्याय देखें)

मुझे तो एक बपतिस्मा लेना है

यहाँ बपतिस्मा, “ कष्ट सहने" रूपक स्वरूप काम में लिया गया है। जिस प्रकार बपतिस्में में मनुष्य जल मग्न हो जाता है उसी प्रकार यीशु कष्टों में मग्न हो जाएगा। इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “मैं कष्टों का बपतिस्मा लूंगा” या उपमा देकर, “मुझे कष्ट ऐसे डुबा देंगे जैसे बपतिस्मे में पानी मनुष्य को डुब देता है”।

परन्तु

यहाँ “परन्तु” शब्द का अर्थ है कि वह अपने कष्टों के बपतिस्में के लिए पृथ्वी पर आग नहीं लगा पाएगा।

जब तक यह न हो ले, तब तक मैं कैसी व्यवस्था में रहूंगा

इस वाक्य में उसकी मनोदशा पर बल देता है। इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “मैं अत्यधिक व्याकुल हूं और रहूंगा भी जब तक कि मेरे कष्ट पूरे न हों”।