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(यीशु उसी धनवान मनुष्य की कहानी सुना रहा है)

इसी रात तेरा प्राण तुझसे ले लिया जाएगा।

इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “तू आज रात ही मर जाएगा” या “तेरी जान आज रात तुझसे ले ली जाएगी”।

“वह किसका होगा”?

“तेरा धन संचय किसका होगा”? या “तेरा एकत्र किया हुआ किसके पास जाएगा”? इस अलंकारिक प्रश्न का उद्देश्य है कि उस मनुष्य को यह बोध हो कि उसकी धन-सम्पदा अन्ततः उसकी नहीं रहेगी।

जो अपने लिए धन बटोरता है

“मूल्यवान वस्तुएं एकत्र करता है”

धनी नहीं

“आशीष या “कृपया” या “उदारतारहित”

परमेश्वर की दृष्टि में

इसका अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर के विचार में” या “परमेश्वर के संबध में, इसका अर्थ है कि उस मनुष्य ने परमेश्वर के लिए जो महत्त्वपूर्ण है उसमें निवेश नहीं किया है या परमेश्वर जिसका प्रतिफल देगा उसमें निवेश नहीं किया है।