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(यीशु अपने शिष्यों को समझा रहा है)

जो कोई मनुष्यों के सामने मुझे मान लेगा

“जो लोगों से कहेगा कि वह मेरा शिष्य है” या “जो कोई मनुष्यों के समक्ष मेरे प्रति स्वामी-भक्ति स्वीकार करेगा”।

मनुष्य का पुत्र

यीशु स्वयं को संबोधित कर रहा है। इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “मैं, मनुष्य का पुत्र”

जो मनुष्यों के सामने मेरा इनकार करे

“जो मनुष्यों के समक्ष मेरा त्याग करे”, इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “जो मनुष्यों के समक्ष मेरा शिष्य होना स्वीकार न करे” या “जो मेरे प्रति स्वामी-भक्ति से इन्कार करे”

इन्कार किया जायेगा

“त्याग किया जायेगा”। इसका अनुवाद इस प्रकार यिा जा सकता है, “परमेश्वर का पुत्र भी उसका इन्कार करेगा” या “मैं उसे अपना शिष्य स्वीकार नहीं करूंगा”

जो कोई मनुष्य के पुत्र के विरोध में कोई बात करे

“जो कोई मनुष्य के पुत्र की बुराई करे”

उसका वह अपराध क्षमा किया जाएगा।

“वह क्षमा किया जाएगा” या “परमेश्वर उसके लिए उसे क्षमा कर देगा”।

जो पवित्र-आत्मा की निन्दा करे

इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “उसे पवित्र-आत्मा के विरूद्ध बुरी बात कहे” या पवित्र-आत्मा को दुष्ट कहे”।