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किसी ने
शिष्यों में से किसी एक ने नहीं
लोमड़ियों के भट.... हैं परन्तु मनुष्य के पुत्र को सिर धरने की भी जगह नहीं”।
यीशु के कहने का तात्पर्य था कि यदि वह यीशु के साथ चलेगा तो वह भी बेघर जो जाएगा। यहाँ सलंग्न जानकारी स्पष्ट की जा सकती है, “यह आशा न कर कि तेरे पास घर होगा”।
लोमड़ियों
यह कुत्ते जैसे पशु होते हैं। वे भूमि में छेद करके उसमें रहते हैं।
आकाश के पक्षियों
“हवा में उड़ने वाले पक्षी”
मनुष्य का पुत्र
यीशु स्वयं को तृतीय पुरूष में संबोधित कर रहा है। इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “मुझ, मनुष्य के पुत्र को”
सिर धरने की भी जगह नहीं
“सिर टिकाने को भी नहीं” या “सोने के लिए भी जगह नहीं” यह अतिशयोक्ति है। यीशु इस तथ्य को समझाने के लिए बढ़ा चढ़ाकर कह रहा है कि उसके रहने के लिए कहीं भी उसका स्वागत नहीं है।