hi_tn-temp/luk/08/43.md

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(यह घटना उस समय की है जब यीशु याईर की पुत्री को रोग-मुक्त करने जा रहा था)।

लहू बहने का रोग

“रक्त बहता था” संभवतः लगातार रजोधर्म का स्राव। कुछ संस्कृतियों में इसके लिए मृदुभाषी शब्द होगा।

किसी के हाथ से चंगी ना हो सकी।

“कोई उसका सफल उपचार नहीं कर पाया”

उसके वस्त्र के आंचल को छुआ

“उसके चोगे के सिरे को छू लिया” यहूदी पुरूष अपने चोगे के सिरे पर झालन लगवाते थे जो उनके सांस्कारिक वस्त्र के द्योतक थे। यह परमेश्वर की ओर से आदेशित था। अति संभव है कि उसने वह झालन छू लिया था।