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(यीशु जनसमूह को आज्ञाकारिता के महत्त्व की शिक्षा दे रहा है)

वह उस मनुष्य के समान है जिसने घर बनाते समय

यह रूपक दृढ़ नीव पर घर बनाने वाले मनुष्य की तुलना यीशु की शिक्षाओं का अनुसरण करने वाले मनुष्य से करता है।

नींव

“आधार” या “अवलंब”

चट्टान

यह भूमिगत एक बड़ी और दृढ़ चट्टान है।

चट्टान पर नींव डाली

“घर की नींव डालने के लिए ऐसी गहरी खुदाई की कि” या “ठोस चट्टान पर घर बनाया” कुछ संस्कृतियों में चट्टान पर घर बनाने का विचार प्रचलित न हो। ऐसी परिस्थिति में अनुवाद अधिक सामान्य परिप्रेक्ष्य में किया जा सकता है, “घर की नींव ठोस भूमि में डाली”।

बाढ़ आई तो धारा

“जल का प्रबल प्रवाह” या “नदी”

इस पर लगी

“इससे टकराई”

क्योंकि वह पक्का बना था

“क्योंकि उस मनुष्य ने उसे दृढ़ता से बनाया था”