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(यीशु जनसमूह को शिक्षा दे रहा है कि वे दोष न लगाएं)

दोष मत लगाओ

“किसी पर दोष मत लगाओ” या “किसी की आलोचना मत करो”

तो

इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “और परिणाम स्वरूप”

तुम पर भी दोष नहीं लगाया जाए

यीशु ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन दोष नहीं लगायेगा। इसके संभावित अर्थ हैं (1) “परमेश्वर तुम पर दोष नहीं लगायेगा”, (2) कोई तुम पर दोष नहीं लगायेगा” दोनों ही अनुवाद स्पष्ट करते हैं कि कौन दोष नहीं लगायेगा।

दोषी न ठहराओ

“किसी को अपराधी मत ठहराओ”

तुम भी दोषी नहीं ठहराए जाओगे

यीशु ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन दोषी नहीं ठहराएगा। इसके संभावित अर्थ हैं (1) “परमेश्वर तुम्हें अपराधी नहीं ठहराएगा”, (2) कोई भी तुम्हें अपराधी नहीं ठहराएगा। दोनों अनुवादों में स्पष्ट है कि कौन अपराधी नहीं ठहराएगा।

तुम्हें भी क्षमा किया जायेगा

यीशु ने स्पष्ट नहीं किया कि कौन क्षमा करेगा। इसके संभावित अर्थ हैं, (1) परमेश्वर क्षमा करेगा, (2) मनुष्य तुम्हें क्षमा करेंगे पहला अनुवाद स्पष्ट करता है कि कौन क्षमा करेगा।