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बड़ा भोज

यह इस प्रकार की दावत थी जिसमें अतिथियों के साथ खाना-पीना होता था।

अपने घर में

लेवी के घर में

भोजन करने बैठा

इसका अनुवाद हो सकता है, “भोजन हेतु आसन ग्रहण किया” या “भोजन आसन पर बैठा था।” यूनानी संस्कार में भोज में तखत पर बाई कोहनी के तकिए पर टिका कर आधा लेटकर भोजन किया जाता था।

कुड़कुड़ाने लगे

“शिकायत करने लगे” या “असन्तोष व्यक्त कर रहे थे”

उसके चेलों से

“यीशु के शिष्यों से”

क्यों खाते-पीते हो?

विधि-शास्त्रियों और फरीसियों ने यह आलंकारिक प्रश्न द्वारा अपनी असहमति प्रकट की क्योंकि वे पापियों के साथ भोजन कर रहे थे। यह “तुम” शब्द बहुवचन में है। इसका अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है। “तुम्हें पापियों के साथ भोजन नहीं करना है”

वैद्य

“डाक्टर” या "हकीम"