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(यूहन्ना मसीह के बारे में ही चर्चा कर रहा था।)

उसका सूप

इस रूपक द्वारा धर्मियों को अधर्मियों से चुन कर अलग करने की तुलना अन्न के दानों को भूसी से अलग करने के साथ की गई है। इसका अनुवाद उपमा रूप में किया जा सकता है कि संबन्ध को अधिक स्पष्ट व्यक्त किया जाए, “मसीह उस मनुष्य के सदृश्य है जिसके हाथ में ओसाई कांटा है”।

उसका सूप उसके हाथ में है

इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “वह ओसाई कांटा हाथ में लिए हुए है, क्योंकि वह तैयार है”।

सूप

यह मूल में ओसाई कांटा है जिसके द्वारा दांवनी किए हुए गेहूँ को हवा में उछाला जाता है, अन्न भारी होने के कारण नीचे गिरता है और भूसी हवा में उड़ जाती है।

खलिहान

यह वह स्थान है जहाँ किसान अन्न को भूसी से अलग करता है। इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “इसका स्थान” या “गेहूँ को भूसी से अलग करने का स्थान”।

गेहूँ को .... इकट्ठा करेगा

इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “तब वह अन्न एकत्र करेगा”

खत्ते

“कोठार” या “अनाज भण्डार” यहाँ अन्न को भावी उपयोग के लिए सुरक्षित रखा जाता है।

भूसी को आग में .... डाल देगा

भूसी किसी काम की नहीं होती थी इसलिए लोग उसे जला देते थे।