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मैं जगत में ज्योति होकर आया हूँ

यीशु यहाँ भी स्वयं की तुलना संसार की अन्धकार विरोधी ज्योति से करता है।

अन्धकार में रहे

"आत्मिक अन्धेपन में रहे"

यदि कोई मेरी बातें सुनकर न माने तो मैं उसे दोषी नहीं ठहराता, क्योंकि मैं जगत को दोषी ठहराने के लिए नहीं, परन्तु जगत का उद्धार करने के लिए आया हूं।

वैकल्पिक अनुवाद, "यदि कोई मेरी शिक्षा को सुनकर अस्वीकार करे तो मुझे उसको दोष देने की आवश्यकता नहीं है। मेरी शिक्षा ही ने उसे दोषी ठहरा दिया है क्योंकि उसने उसे अस्वीकार किया। यहां तक मेरी बात है, मैं दोषी ठहराने नहीं, परन्तु मेरे विश्वासियों का उद्धार करने आया हूं"।