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लेखक परमेश्वर के लोगों के पुरातन अगुओं और परमेश्वर की प्रतिज्ञा में उनके विश्वास का वर्णन करता है।

और

“वास्तव में” या “निश्चय ही” या “इस पर ध्यान देते”

स्वर्गीय देश

“स्वर्ग में देखा” या “स्वर्ग में स्थित एक देश”

परमेश्वर उनका परमेश्वर कहलाने में उनसे नहीं लजाता

“परमेश्वर प्रसन्न होता है कि वे उसे अपना परमेश्वर कहते हैं।” या “लोग कहें कि वह उनका परमेश्वर है....”