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हे दासों... तुम्हारे स्वामी की .... आज्ञा मानो

“हे दासों अपने सांसारिक स्वामियों की आज्ञाओं का पालन करो”।

अपने मन की सीधाई से डरते और कांपते हुए, जैसे मसीह की

“दीनता में भय के साथ जैसे मसीह के प्रति”

डरते और कांपते हुए

एक ही स्वामी को सम्मान देने के लिए ये दो शब्द हैं

मनुष्यों को प्रसन्न करने वालों के समान दिखाने के लिए नहीं।

“सदैव ऐसे काम करो जैसे तुम मसीह ही के लिए काम कर रहे हो चाहे तुम्हारे स्वामी तुम्हें देखते न हों”।

मसीह के दासों के समान

“अपने सांसारिक स्वामी की ऐसी सेवा करो कि मानी वह मसीह स्वयं ही है”।

मनुष्यों को दिखाने के लिए सेवा न करो

“सहर्ष सेवा करो क्योंकि तुम मनुष्यों मसीह के लिए सेवा करते हो”

तुम जानते हो कि जो कोई जैसा काम करेगा, प्रभु से वैसा ही पायेगा।

“स्मरण रखो कि मनुष्य अपने अच्छे कामों का फल प्रभु से पायेगा।