hi_tn-temp/eph/04/01.md

1.4 KiB

प्रभु में बन्दी हूं

प्रभु की सेवा करने का चुनाव करने के कारण एक बन्दी की नाई।

जिस बुलाहट से तुम बुलाये गये थे इसके योग्य चाल चलो

“मैं तुमसे निवेदन करता हूं कि अपनी बुलाहट के योग्य जीवन जीओ” इन सब पदों में “तुम” इफिसुस के सब विश्वासियों के लिए काम में लिया गया है।

सारी दीनता और नम्रता सहित और धीरज धर कर प्रेम से एक दूसरे की सह लो।

“तुम्हें दीन, कोमल, धीरजवन्त होना तथा एक दूसरे को प्रेम में ग्रहण करना सीखना है।

शान्ति के बन्धन में आत्मा की एकता रखने का यत्न करो।

“एक साथ शान्ति में निर्वाह करने की खोज में रहो कि आत्मा की एकता बनाए रहो”