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वे यह सुनकर
“कारगर यह सुनकर”
क्रोध से भर गए
“बहुत क्रोधित हो उठे”
और चिल्ला-चिल्ला कर कहने लगे
“और ज़ोर से चिल्ला कर बोलने लगे”
जो पौलुस के संगी यात्री थे, पकड़ लिया
“लोगों ने पौलुस के साथियों को पकड़ लिया”
और एक साथ होकर रंगशाला में दौड़ गए
यह दंगे-फसाद जैसे स्थिति हो गयी थी
रंगशाला में
इफिसुस की रंगशाला प्रयोग जनता के मनोरंजन हेतु नाटक व संगीत आदि के लिए होता था
मकदूनियों को
गयुस व अरिस्तर्खुस मकदूनिया से आये थे और उस समय इफिसुस में पौलुस के साथ कार्य कर रहे थे