hi_tn-temp/act/09/03.md

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(महा याजक द्वारा चिट्ठियाँ देने के बाद , वह दमिश्क के लिए निकल पड़ा)

परन्तु चलते-चलते

शाऊल इस समय दमिश्क की ओर यात्रा कर रहा है

तो एकाएक

कहानी में अचानक आनेवाले बदलाव को व्यक्त करने के लिए इन शब्दों का प्रयोग किया गया है।

आकाश से ....ज्योति चमकी

आकाश से

वह भूमि पर गिर पड़ा

यह सपष्ट नहीं है कि 1)”शाऊल स्वयं भूमि पर गिर पड़ा” या कि 2) “उस ज्योति के कारण वह भूमि पर गिर गया था” या 3) “शाऊल बेसुध सा होकर गिर पड़ा था।” यह तो स्पष्ट है कि शाऊल का गिरना संयोग नहीं था।

तू मुझे क्यों सताता है?

इस प्रश्न के द्वारा शाऊल को प्रभु झिड़की दे रहे थे। अनुवाद करते समय हम ऐसे भी लिख सकते हैं, कि “तू मुझे सता रहा है।”