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अपने बाप-दादों की रीति पर

पौलुस अपने पूर्वजों के परमेश्वर का ही उपासक था। इसका अनुवाद हो सकता है, “जिसके लिए मैं एक विश्वासी होकर सेवा करता हूं, ठीक वैसे ही जैसे मेरे पूर्वजों ने की थी”।

शुद्ध विवेक से

“शुद्ध विवेक से” वह अनुचित कामों के विचार से मुक्त था, क्योंकि उसने सदैव ही उचित काम करने की चेष्टा की है।

लगातार स्मरण करता हूं

लगातार स्मरण करता हूं - “मैं तुझे सदैव स्मरण करता हूं” या “जब मैं तुझे स्मरण करता रहता हूं” या “मैं तुझे स्मरण करने से नहीं चूकता”

रात दिन काम धन्धा करके

“दिन रात मेरी प्रार्थनाएं” 2) मैं दिन रात तुझे स्मरण करता हूं” या “मैं तुझे सदा स्मरण करता हूं” या “मैं तुझे स्मरण करने से नहीं रुकता”

तुम से भेंट करने की लालसा करता हूं।

“तुमसे भेंट करने की प्रतीक्षा में हूं”

तेरे आंसुओं की सुधि कर करके

“तेरे सब दुःखों को मन में रख कर”

कि आनन्द से भर जाऊं।

“कि मुझे अत्यधिक आनन्द प्राप्त हो” या “आनन्दित हो जाऊं”।

सुधि आती है

सुधि आती है - “क्योंकि मुझे स्मरण होता है” या “जब मुझे स्मरण होता है” या “क्योंकि मुझे.... स्मरण होता है” या “स्मरण करके”

निष्कपट विश्वास

“तेरा सच्चा विश्वास” या “तेरा पांखड-रहित विश्वास” यहां जिस शब्द का अनुवाद “निष्कपट” किया गया है, वह नाटक में के नायक का विलोम शब्द है। इसका अर्थ है, “सत्यनिष्ठ” या “सच्चा”

जो पहले तेरी नानी को इस.... में था ... तुम में भी है।

तीमुथियुस की नानी एक ईश्वर भक्त स्त्री थी और पौलुस तीमुथियुस के विश्वास की तुलना उसके विश्वास से करता है।