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पौलुस

पौलुस - “पौलुस की ओर से” या “मैं तुझे यह पत्र लिख रहा हूं”।

परमेश्वर की इच्छा से

“क्योंकि परमेश्वर की इच्छा के कारण” या “क्योंकि परमेश्वर चाहता था” पौलुस इसलिए प्रेरित हुआ कि परमेश्वर चाहता था कि वह प्रेरित हो। इसे किसी मनुष्य ने प्रेरित होने के लिए नहीं चुना था।

अपने वचन के अनुसार

संभावित अर्थ हैं 1) “के अनुपालन में” अर्थात जैसा परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की कि यीशु जीवनदाता है, उसने पौलुस को प्रेरित नियुक्त किया, 2) “के उद्देश्य से” अर्थात परमेश्वर ने पौलुस को नियुक्त किया कि वह मनुष्यों में मसीह में जीवन की परमेश्वर की प्रतिज्ञा की घोषणा करे।

इस जीवन की प्रतिज्ञा के अनुसार जो मसीह यीशु में है

“परमेश्वर ने मसीह के लोगों से जीवनदान की प्रतिज्ञा की है।”

प्रिय पुत्र

“पुत्र जो मेरा प्रिय है” या “जिस पुत्र से मैं प्रेम करता हूं”। पौलुस की माध्यम से तीमुथियुस ने मसीह यीशु को ग्रहण किया था। इस कारण पौलुस उसे अपने पुत्र के समान प्रेम करता था।

तुझे अनुग्रह और दया और शान्ति मिलती रहे

“अनुग्रह, दया और शान्ति तेरी हो” या “तुझे अनुग्रह, शान्ति और दया का आन्तरिक अनुभव हो”

परमेश्वर पिता

“परमेश्वर जो हमारा पिता है”

हमारे प्रभु यीशु मसीह

“मसीह यीशु जो हमारा प्रभु है”