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ये लोग बिना पानी के सूखे सोते के समान हैं
बिल्कुल वैसे ही जैसे सूखा सोता शारीरिक जीवन के लिए पानी प्रदान नहीं करता है, उनकी शिक्षाएं आत्मिक जीवन की ओर नहीं ले जातीं। “वे ताज़गी का एक झूठा स्रोत हैं। एक खाली नख़लिस्तान।“ (देखें: insanity
वे आंधी के उड़ाए बादलों के समान हैं
आंधी के बादल वर्षा लाते हैं। यह वर्षा जीवनदायी पानी भी ला सकते हैं या विनाशकारी बाढ़ भी। ये लोग उन बादलों के समान हैं जो अपने साथ विनाश ले कर चलते हैं।
वे व्यर्थ घमण्ड की बातें करते हैं।
उनकी बातें बिना अर्थ की और दम्भी हैं।
वे शारीरिक अभिलाषाओं के द्वारा लोगों को फंसाते हैं।
वे पापी प्रकृति का प्रयोग करके लोगों को अनैतिक और पापी कार्यों में फंसा लेते हैं।
वे उन लोगों को फंसा लेते हैं जो भटके हुओं में से अभी निकल रहे हैं।
वे विश्वास में नए लोगों को शिकार बनाते हैं।
वे उन्हें स्वतंत्र करने की प्रतिज्ञा तो करते हैं, पर आप ही सड़ाहट(भ्रष्टाचार) के दास हैं।
वे झूठी स्वतन्त्रता की प्रतिज्ञा करते हैं, विश्वासियों को पाप करने की स्वतन्त्रता। पर यह पाप की दासता है।
क्योंकि जो व्यक्ति जिससे हार गया है, वह उसका दास बन जाता है।
एक मनुष्य उन इच्छाओं के पीछे भागेगा जिन को लेकर उसमें संयम की कमी होती है।