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और धर्मी लूत को... छुटकारा दिया।

परमेश्वर ने धर्मी लूत को छुटकारा दिया।

जो अधर्मियों के चालचलन से लगातार दुःखी था

लूत सदोम और अमोरा के वासियों के अशुद्ध चालचलन से लगातार परेशान या दुखी था।

अशुद्ध शारीरिक अभिलाषाओं में लिप्त मनुष्य

“शरीर की अशुद्ध अभिलाषाओं में लिप्त मनुष्य”

धर्मी मनुष्य

इसका तात्पर्य धर्मी लूत से है

धर्मी मनुष्य

“मनुष्य जो परमेश्वर के आज्ञाकारी हैं”

उसकी धर्मी आत्मा को पीड़ित करता था।

उसकी अंतरात्मा को दुखी करता था।

अधर्मी मनुष्यों को बन्दी बनाना

अधर्मी मनुष्य परमेश्वर के न्याय से नहीं बच पाएंगे। उनके मरने के पश्चात उन्हें न्याय के दिन तक बन्दी बना कर रखा जाएगा।