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इसलिए मैंने जो यह इच्छा की थी तो क्या मैंने चंचलता दिखाई?
पौलुस और तीमुथियुस इस प्रश्न द्वारा अपने निर्णय की निश्चितता प्रकट करते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: “जब मैं ऐसा सोच रहा था तो मैं अपने निर्णय में अटका था।”
क्या मैंने चंचलता दिखाई?
“क्या मैं डांवाडोल था”
या क्या मै मानवीय मानकों के आधार पर कोई बात कह रहा हूँ कि मै कहूँ "हाँ, हाँ" और "नहीं, नहीं;" दोनों एक साथ?
पौलुस अपनी एकनिष्ठा का प्रतिवाद प्रस्तुत करता है। वैकल्पिक अनुवाद: “मैं परमेश्वर की इच्छा के अनुसार योजना बनाता हूं। मैं “हां” या “नहीं” तब ही कहता हूँ जब मुझे यह बोध हो कि मेरा उत्तर सत्य है”।