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पौलुस और तीमुथियुस इस पत्र की प्रस्तावना ही में है।

परमेश्वर और पिता

"परमेश्वर जो हमारा पिता है"

दया का पिता और सब प्रकार की शान्ति का परमेश्वर है।

ये वाक्यांश एक ही बात को व्यक्त करने की अभिन्न विधियाँ है। "पिता" और "परमेश्वर" शब्दों द्वारा "दाता" या "स्रोत" का वर्णन किया गया है जो हमारा परमेश्वर है, क्योंकि परमेश्वर ही तो सब बातों का स्रोत है। वैकल्पिक अनुवाद: "सम्पूर्ण दया एवं अनुकम्पा का स्रोत"

वह हमारे सब क्लेशों में शांति देता है

"हमारे"