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उसी विधवा का नाम लिखा जाए
ऐसा प्रतीत होता है कि विधवाओं की सूची तैयार की गई थी, या वे लिखित में थी या नहीं। कलीसिया उन विधवाओं के लिए आश्रय, वस्त्र और भोजन की व्यवस्था करती थी और इन विधवाओं से अपेक्षा की जाती थी कि वे कलीसिया की सेवा में समर्पित रहें।
साठ वर्ष से कम की न हो
साठ वर्ष से कम की विधवाओं के पुनः विवाह की संभावना होती थी। कलीसिया के लिए आवश्यक था कि साठ वर्ष से अधिक आयु की विधवाओं की सुधि ले।
एक ही पति की पत्नी रही हो
“पतिव्रता रही हो”
भले कामों में सुनाम रही हो
अग्रिम वाक्य किसी स्त्री द्वारा भले कामों में प्रसिद्ध होने के उदाहरण हैं
पांव धोए हों
“सहायता का एक अति सह सामान्य कार्य” “यात्रियों के पाव धोना एक रूपक है जिसका अर्थ है मनुष्यों की आवश्यकता में सहायता करना तथा जीवन को अधिक आनन्द से पूर्ण बनाना।
पवित्र जनों
“परमेश्वर के लोगों पर”
हर एक भले काम में मन लगाया हो
“भले कामों के लिए जानी जाती हो”