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तुम तो अन्धकार में नहीं हो
“इस दुष्ट संसार के मनुष्यों के सदृश्य नहीं हो जो अन्धकार में रहने जैसा है”
कि वह दिन तुम पर चोर के समान आ पड़े
प्रभु के आगमन का दिन तुम्हारे लिए आश्चर्य का दिन नहीं होगा जैसे चोर का आगमन होता है। “तुम्हें सतर्क न पाए”
तुम सब ज्योति की सन्तान हो, हम न रात के हैं न अन्धकार के
“ज्योति की सन्तान” अर्थात मसीह के अनुयायी “रात के” अर्थात अन्य सब सांसारिक जन।
दूसरों के समान सोते न रहें
पौलुस का “सोते” से अभिप्राय है, संसार का न्याय करने क लिए प्रभु के पुनः आगमन से अनभिज्ञ। “हम उन लोगों के सदृश्य न हों जो मसीह के पुनः आगमन से अनभिज्ञ हैं।
इसलिए हम
“हम” अर्थात पौलुस और थिस्सलोनिका के विश्वासी।
जागते और सावधान रहो
“हम मसीह के पुनः आगमन के लिए सतर्क रहें और आत्मसंयमी हों”।
जो सोते हैं वे रात ही को सोते हैं।
जिस प्रकार कि मनुष्य रात में अचेत सोता है, वैसे ही संसार है। जिसे मसीह के पुनः आगमन का ज्ञान नहीं है।
जो मतवाले होते हें वे रात ही को मतवाले होते हैं।
पौलुस कहता है कि मनुष्य रात ही में नशे में रहता है वैसे ही मसीह के पुनः आगमन से अनभिज्ञ मनुष्यों का जीवन संयमी नहीं होता है।