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पतरस ने अभी-अभी अगुओं को किस प्रकार जीवन जीना चाहिए उसका निर्देश दिया है।

तुम सभी

इसका तात्पर्य सभी विश्वासियों से है, केवल युवा पुरुषों से ही नहीं

दीनता से कमर बांधे रहो

“एक दूसरे के प्रति नम्रता से पेश आओ” (यु.डी.बी)

परमेश्वर के बलवन्त हाथ के नीचे

“परमेश्वर के सामर्थ के नीचे”

डाल दो

“उसे सम्भालने दो” (यु.डी.बी)

अपनी चिंता

“अपनी चिंता” या “अपना कष्ट” या “ध्यान भटकाने वालीं”

वह तुम्हारी चिंता करता है

“वह तुम्हारे लिए चिंतित है”