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यदि हम

पद 8, 9 और 10 में वाक्य "यदि हम" का आरम्भ एक प्राक्कल्पनात्मक स्थिति से आरम्भ होता है जो शायद हो सकती हो।

हम ...हमारा

पद 8-10 में सर्वनाम "हम" और हमारा" का तात्पर्य सभी विश्वासियों से है।

कुछ भी पाप नहीं

"कभी भी पाप नहीं" या "कभी भी पाप नहीं किया" (युडीबी)

धोखा

" फुसलाना " या "मूर्ख बनाना "

हम में सत्य नहीं

"हम विश्वास नहीं करते कि उसने जो कहा वह सत्य है"

वह...उसे...उसका

ये सर्वनाम शायद यीशु के सन्दर्भ में है, पर शायद इनका सन्दर्भ पिता परमेश्वर से है. सर्वनामों को अस्पष्ट रहने देना ही ठीक है यदि आपकी भाषा इसकी अनुमति दे।

विश्वासयोग्य और धर्मी

"वफ़ादार और भला"

हमारे पापों को क्षमा करने और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने

"और हमें पूरी तरह से हमारी गलतियाँ क्षमा कर देगा।"

तो हम उसे झूठा ठहराते हैं

"यह उसे झूठा पुकारने जैसा है, क्योंकि उसने कहा हम सब पापी हैं." वाक्य "क्योंकि उसने कहा हम सबने पाप किया है" अस्पष्ट है।

उसका वचन हम में नहीं है

इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है "हम उसका कहा न तो समझते और न ही उस पर चलते हैं।"